प्रेम बाँटने का है समय
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एक लड़का किसी मानसिक समस्या से ग्रस्त था , पर उसे कलम (पेन) इकठ्ठा करने का शौक था | उसकी जेब में बहुत सारे कलम रखे होते थे | कोई उसका कलम ले लेता तो वह बहुत क्रोधित हो जाता और गुस्से में आकर खुद को ही काटनें लगता | उससे कलम इकठ्ठा करने की आदत छोड़ने की बात कहने पर भी वह गुस्से खुद को काटने लगता |
एक दिन वह अपने रिश्तेदार के यहाँ रहने के लिए गया | वहाँ जब लोगो ने उसे प्रेम देना शुरू किया और उसके शौक की सराहना की , तो उसका गुस्सा कम होने लगा | उसे लोगो का आदर और प्रेम मिला तो धीरे - धीरे उसकी कलम इकठ्ठा करने की आदत भी छूट गई | वह अपने कलम भी लोगो में बाटनें लगा |
हम लोग परिवार में एक-दूसरे को प्रेम क्यों नही देते ! एक-दूसरे को ताना क्यों मारते है ! एक -दूसरे पर गुस्सा करने की कोशिश क्यों करते है ? एक-दूसरे की बुराइयों को ही क्यों देखते है ? अच्छाईयों को क्यों नही देखते ? एक-दूसरे को प्रेम की जरुरत है | धीरज और प्रेम यदि हमारे भीतर है , तो हमारा इंसान होना सार्थक है |
आज मनुष्य को हमदर्दी भी चाइये और हिम्मत भी चाइये | क्योंकि हमे अच्छे समय की और आगे बढ़ना है| बुरे समय को पार करना है | आगे बढ़ने की शक्ति हमे किसी पहाड से नही मिलेगी , अपने भीतर से ही मिलेगी | आपको सहारा देने वाला , आपका हित चाहने वाला आपके अंदर बैठा हुआ है | काफी लोगो ने अपने प्यारों को खो दिया है | यह शोक की बात है , परन्तु फिर भी आगे बढ़ना है | हिम्मत रखे और दूसरों को धैर्य , सात्वना और प्रेम दे |
आशा करता हूँ आपको कहानी से कुछ सीखने को मिला होगा !
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